मंदसौर 13 मई 25/ गांधीसागर अभयारण्य के सुरम्य परिसर में मंगलवार को एक विशेष चरवाहा सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें अभयारण्य से लगे आसपास के ग्रामों से बड़ी संख्या में चरवाहाओं ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण में स्थानीय समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और उन्हें वन सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर जागरूक करना था।
कार्यक्रम में उपस्थित मंदसौर वनमण्डलाधिकारी संजय रायखेरे द्वारा अभयारण्य की पारिस्थितिकी, जैव विविधता और संरक्षण के महत्व पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि चरवाहा समुदाय अभयारण्य की दिनचर्या से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है, और उनकी सक्रिय भूमिका वन क्षेत्र की सुरक्षा में निर्णायक साबित हो सकती है।
मुख्य चर्चाएँ:
सम्मेलन में कई अहम विषयों पर खुलकर चर्चा की गई, जिनमें प्रमुख थे:
• वन सुरक्षा और अवैध प्रवेश की रोकथाम: चरवाहाओं को बताया गया कि अवैध गतिविधियाँ जैसे लकड़ी कटाई या शिकार न केवल वन्यजीवों के लिए घातक हैं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाती हैं। इन गतिविधियों की सूचना तुरंत वन विभाग को देना आवश्यक है।
• अग्नि सुरक्षा: गर्मियों के दौरान जंगलों में आग लगने की घटनाएँ बढ़ जाती हैं। चरवाहाओं को सूखी पत्तियों, बीड़ी-सिगरेट जैसे स्रोतों से आग लगने के खतरों के बारे में बताया गया और उनसे सतर्कता बरतने की अपील की गई।
• मुखबिरी तंत्र: चरवाहाओं को वन क्षेत्र में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए प्रोत्साहित किया गया। वन विभाग ने आश्वासन दिया कि उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी और आवश्यकतानुसार सम्मानित भी किया जाएगा।
• लैंटाना उन्मूलन: वन क्षेत्र में तेजी से फैल रही आक्रामक झाड़ी ‘लैंटाना’ के दुष्प्रभावों पर चर्चा की गई। चरवाहाओं से अनुरोध किया गया कि वे इसके उन्मूलन में सहयोग करें ताकि देशी वनस्पतियाँ पुनः पनप सकें।
• पशुओं के लिए पेयजल व्यवस्था: आसपास के ग्रामों में पशुओं के लिए पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने स्थानीय स्तर पर जल स्रोतों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।
वर्षा पूर्व मवेशियों के टीकाकरण किया जाना: वन विभाग द्वारा अभयारण्य क्षेत्र के आसपास लगे ग्रामों में मवेशियों के टीकाकरण किए जाने पर भी चर्चा की गई।
सामुदायिक सहभागिता का संकल्प:
सम्मेलन के अंत में चरवाहाओं ने वन क्षेत्र की रक्षा और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि की सूचना तत्काल वन विभाग को देने का संकल्प लिया। वन विभाग ने इस सकारात्मक पहल का स्वागत करते हुए उन्हें आवश्यक सहायता और संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। सम्मेलन के दौरान अधीक्षक सरोज रोज़, गेम रेंज अधिकारी पूर्व पन्नालाल रायकवार, गेम रेंज अधिकारी पश्चिम अंकित सोनी एवं अभयारण्य का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।