दशरथ माली
चीताखेड़ा
नीमच – चीताखेड़ा मार्ग पर रामनगर की झील में स्थित 11 वीं शताब्दी का अतिप्राचीन भगवान भूतेश्वर महादेव मंदिर पर विगत 40 सालों पूर्व वैशाख बदी अमावस्या को विशाल मेले का आयोजन होता था। पास ही जब से चर्मशोधन केंद्र शुरू हुआ है तब से मृत पशुओं की भयंकर दुर्गंध फैलने से भूतेश्वर महादेव पर लगने वाला मेला बंद हो गया था और यहां पर आने वाले भक्तों में भी काफी कमी हुई है,भूतेश्वर महादेव मंदिर धीरे-धीरे विरान हो गया ।
कराड़िया महाराज के सामाजिक एवं धार्मिक प्रवृत्ति के कुंवर नरेंद्र सिंह राणावत, ठाकुर विक्रम सिंह राणावत, कुंवर चांदसिंह राणावत और कुंवर श्रवण सिंह राणावत आगे आए और क्षेत्र के धर्म प्रेमियों के सहयोग से मंदिर समिति का गठन कर 40 सालों से बंद पड़े मेले को एक बार फिर आज दिवस 26 अप्रैल 2025 शुक्रवार से तीन दिवसीय शुरू करने का बीड़ा उठाया है। मंदिर समिति का गठन होने के बाद विरान पड़े श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर को संवारने का बीड़ा उठाया है और दिनों दिन विकास कार्य प्रगतिशील है और अब श्रद्धालुओं में दिनों दिन भूतेश्वर महादेव के प्रति अगाध श्रद्धा बढ़ने लगी और शिव भक्तों में इजाफा हो रहा है। मंदिर समिति में भी धर्मप्रेमियों में भूतेश्वर महादेव के प्रति आस्था जाग्रत हो रही है इक्के-दुक्के सदस्यों से अब धीरे-धीरे सदस्यों का कारवां बनता जा रहा है। मंदिर एवं मेला समिति सदस्यों ने क्षेत्र के समस्त धर्मप्रेमियों से अनुरोध किया है कि वैशाख बदी मास शिवरात्रि 13-14 अप्रैल 2025 शुक्रवार से प्रारंभ होने वाले भव्य मेले में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर भगवान भूतेश्वर महादेव के दिव्य दर्शन कर मेले को सफल बनाएं।