आतंकवादियों ने पहलगाम घूमने आए पर्यटकों से उनके धर्म पूछकर गोलियां बरसाईं।कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्हें कलमा पढ़ने के लिए भी कहा गया, जिससे उनके धर्म की पहचान हो सके। जिन्होंने कलमा पढ़ा, उन्हें आतंकियों ने छोड़ दिया। इसी तरह असम के एक हिंदू प्रोफेसर को भी आतंकियों ने गोली नहीं मारी, क्योंकि वह कलमा पढ़ सकते थे। इसके चलते असम यूनिवर्सिटी में बंगाली डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर देबाशीष भट्टाचार्य की जान बच सकी।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि 17 घायल हो गए
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