ब्यूरो रिपोर्ट सत्यनारायण बैरागी
सभी की आस्था है मनोकामना पूर्ण होती हैं
हजारों की संख्याओं में आते हैं बाहर से दर्शन लाभ लेने आते भक्ति
संवाददाता अशोक राठौर भानपुरा
बाबुल्दा पंचायत में झूला झूलनी ग्यारस पर दो दिवसीय कार्यक्रम बड़े धूमधाम से वह हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है ग्राम वासियों के द्वारा ग्राम को एक दुल्हन की तरह सजाया जाता है इस ग्राम में मंदिर में विराजित मूर्तियां ही नगर भ्रमण के लिए विमान में विराजित कर निकल जाती है यह कार्यक्रम दो दिन तक सतत चालू रहता है
श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर चारभुजा नाथ मंदिर श्री राम मंदिर के देव विमान बबुल्दा भ्रमण करते हैं 4:00 के लगभग निकले देव विमान जो शीतला माता मंदिर के रास्ते पर श्री चारभुजा नाथ मंदिर के देव विमान के साथ हो जाते हैं वह मुख्य मार्ग से हातडा चौक मैं श्री राम मंदिर का देव विमान भी एक साथ मिल जाते हैं जो बाबूलदा ग्राम से एक किलोमीटर की दूरी तय कर वहां स्थित एक पुरानी तलाई पर देव विमान को स्नान कर ग्राम के पटेल मुकेश रावत के द्वारा तीनों देव विमान की महा आरती कर प्रसाद वितरित किया जाता है सभी ग्राम वासी वह बाहर से आए हुए भक्तगण इस भक्ति में वातावरण में देव दर्शन कर प्रसाद ग्रहण करते हैं तीनों देव विमान को वापसी के लिए रात को 7:00 बजे के लगभग ग्राम में प्रवेश कराया जाता है जहां पुरानी रीति अनुसार प्रत्येक घर पर प्रत्येक घर के मुखिया के द्वारा तीनों देव विमान की आरती की जाती है वह प्रसाद वितरण किया जाता है रात्रि करीबन 12:00 बजे के लगभग श्री राम मंदिर पर तीनों देव विमान को विश्राम हेतु रोका जाता है वह महा आरती की जाती है पूरी रात भजन संध्या का कार्यक्रम सतत चालू रहता है दूसरे दिन सवेरे 8:00 बजे आरती कर दो देव विमान श्री राम मंदिर से उठकर अपने-अपने मंदिर के लिए निकल जाते हैं जो रात्रि तक अपने-आप ने मंदिर तक पहुंचते हैं
अगर तीनों मंदिरों के इतिहास के बारे में बात करें तो श्री राम मंदिर का इतिहास के बारे में जानकारी के अनुसार स्थानीय पाटीदार समाज द्वारा इस मंदिर का निर्माण किया गया था पहले यह मंदिर एक कच्चे मकान में था जो अब एक भव्य रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं पुराने समय अनुसार इस मंदिर का चमत्कार अमावस्या पूर्णिमा पर भजन कीर्तन का कार्यक्रम रखा जाता था जब लाइट की व्यवस्था नहीं थी वहीं के ग्राम वाशी जगन्नाथ जी पाटीदार के द्वारा जब लालटेन में केरोसिन के लिए घर पर गए तो अंधेरा अधिक होने के कारण केरोसिन की जगह पानी का पीपा लेकर आ गए वह लालटेन में डाल दिया पर भगवान के चमत्कार से पूरी रात लालटेन ऐसे ही प्रचलित रहा जब सवेरे बचे हुए केरोसिन को देखा तो उसमें केरोसिन की जगह पानी था पूरी रात पानी से ही लालटेन चलते रहे जो यह चमत्कार साक्षात था
वही चारभुजा नाथ मंदिर की इतिहास के बारे में मुकेश रावत वह घनश्याम रावत से पूछने पर उन्होंने बताया है यह बहुत पुराना मंदिर है हमारे पूर्वजों ने इस मंदिर को बनाया था हमारे पूर्वज गंगाराम रावत जो ग्राम के पटेल थे उनके द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था उनके पुत्र न होने के कारण उन्होंने चारभुजा नाथ से पुत्र की विनती कर दूसरी शादी कर पुत्र की प्राप्ति होने पर चारभुजा नाथ मंदिर की स्थापना करवाई वह अपनी निजी जमीन से 18 बीघा जमीन मंदिर के पंडित को मंदिर के पूजन करने के लिए वह उसके परिवार के भरण पोषण के लिए दान में दे दी थी जो जमीन आज भी गोपाल दास बैरागी के पास मंदिर के दान स्वरूप है वह आज भी उनके परिवार के द्वारा मंदिर पर पूजा अर्चना की जाती है