चीताखेड़ा – 28 अगस्त। गुरुवार को संवत्सरी के समापन के अवसर पर प्रातः 11:00 प्रभु की विशेष आरती के पश्चात पुरानी परंपरानुसार धार्मिक माहौल से परिपूर्ण वातावरण में गाजे-बाजे ,ढोल -ढमाकों के साथ भगवान महावीर के अपने मुखोटे को संचित विशेष विमान में विराजमान कर गांव के निर्धारित मार्गो से भव्य वरघोड़ा महावीर के जय घोष के गगनभेदी जयकारा लगाते हुए नाचते झूमते, नृत्य करते हुए निकाला गया। जिनशासन धर्म में आत्मान्नतिक के लिए पर्यूषण पर्व की आराधना की जाती है।इस पर्व के अंतिम दिन मैत्री पर्व मनाया गया है। व्यक्ति किसी भी प्राणी के प्रति वर्ष भर में की गई अविनय,असातना के लिए क्षमा मांगता है।यह पर्व किसी बाहरी आडम्बर, रीति- रिवाज या भौतिक प्रदर्शन पर आधारित नहीं है बल्कि यह आंतरिक भाव परिवर्तन का पर्व है। भव्य वरघोडा में त्रिशला नंदन भगवान महावीर स्वामी विशेष विमान में सवार होकर बड़े ही निराले ठाट के साथ भक्तों को दर्शन देने निकले महावीर जिनके ठाट को देखने के लिए उमडे जैन – अजैन भक्त। वरघोड़ा में सबसे आगे जिनशासन धर्म का प्रतीक ध्वज युवक हाथों में लिए लहराते हुए चल रहे थे।वृहद रूप से भव्य वरघोड़े में जैन अनुयायियों द्वारा जैनम जयति शासनम …….,वंदे वीरम………,पार्श्वनाथ की जय……….., महावीर की जय……., नाकोड़ा भैरव की जय जयघोष के साथ नाचते झूमते गांव के विभिन्न मार्गों से भव्य वरघोड़ा निकाला गया। वरघोड़े में श्री चंद्र प्रभ स्वामी जिनालय ट्रस्ट अध्यक्ष सुनील कुमार सगरावत, श्री मुनि सुव्रत स्वामी जिनालय ट्रस्ट सचिव कारुलाल झातरिया, चंद्रेश झातरिया, अशोक चपलोद, मुकेश बोहरा,विजय कुमार झातरिया, रजनीश दक, शिखरचंद चपलोत, राजकुमार चौरड़िया, अजीत कुमार चौरड़िया, राजाबाबू जैन, राजेश चौधरी, पूर्व सरपंच श्रीमती सुषमा जैन,कारुलाल चौरड़िया, विमलेश गोदावत, पत्रकार अक्षय बोहरा, दिलीप गोदावत,विजय चौरड़िया, राजेश जैन,सहित कई वरिष्ठजन विशेष रूप से मौजूद थे। जगह जगह जैन श्राविकाओं ने द्वार- द्वार प्रभु के विमान के सामने अक्षत की गऊली बनाकर श्रीफल, फुल- फ्रुट चढ़ाकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। विमान उठाने वालों की पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए पूरे रास्ते में होड़ मची रही, महावीर का विमान उठाने का सौभाग्य हर कोई प्राप्त करना चाह रहा था। इस तरह भक्ति की यह भीड़ प्रातः 11 बजे श्री चंद्रप्रभ जी बडा जिनालय से प्रारंभ होकर नीम चौक श्री मुनि सुव्रत स्वामी जिनालय होते हुए जैन गली ,चांदनी चौक, बस स्टैंड से परिभ्रमण करते हुए जैन दादावाड़ी पहुंचा जहां पर नवपद पूजा की गई । तत्पश्चात भव्य वरघोड़ा सदर बाजार होते हुए श्री मुनीसुव्रत स्वामी जिनालय पर पहुंचा जहां निर्बाध रूप से निर्धारित कार्यक्रम जारी रहा, विशेष आरती के बाद प्रभावना वितरण की गई। जैन श्री संघ के द्वारा कार्यक्रम के अंत में सामूहिक रूप से स्वामीवात्सल्य किया गया।
ब्यूरो रिपोर्ट,, दशरथ माली चीताखेड़ा,

अज्जिमुला खान/ दशरथ माली
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