दागदार हुई नीमच पुलिस। तस्कर निकला आरक्षक।

By अजिमुल्ला खान

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वर्दी में तस्कर नीमच पुलिस में पदस्थ आरक्षण जी हां अब रक्षक ही करने लगी तस्करी नीमच पुलिस लाइन में पदस्थ एक आरक्षक को नारायणगढ़ थाना की पूरा पुलिस चौकी ने शुक्रवार की 2:00 बजे एक सफेद गाड़ी को आती दिखा इसका आरसी नंबर एमपी 44 सीसी 5597 कर को रोक कर उसकी तलाशी ली गई तो पाया गया कि गाड़ी के भीतर कट्टो में भरा 30 किलो दौड़ा चूरा मिला कार में बैठे व्यक्ति की पहचान नीमच जिले में पदस्थ आरक्षक के रूप में 35 वर्षीय राजेंद्र सिंह सोंधिया के रूप में हुई। इसमें उसका भाई भी उसके साथ भगत सिंह भी मौजूद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। अब सवाल यह नहीं उठाता की तस्कर मिले अब सवाल यह उठता है की रक्षक ही अब तस्करी में लिप्त होते नजर आ रहे। नीमच जिले पुलिस की छवि को दाग-दार करने वाले क्या ऐसे वर्दी धारी मौजूद है। तो फिर आम जनता क्या करेगी। क्या ऐसे पुलिस वालों की संपत्ति की जांच की जाएगी ।दोस्ती पुलिस कर्मियों के पास इतनी संपत्ति अचानक कहां से आ जाती है।।मंदसौर। जिले के नारायणगढ़ थाना अंतर्गत बूढ़ा चौकी पुलिस ने शुक्रवार देर रात बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 किलो अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा जब्त किया है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से एक आरोपी राजेंद्र सिंह नीमच पुलिस में आरक्षक के पद पर पदस्थ है। यह मामला सामने आते ही पुलिस विभाग सहित पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।नीमच एसपी ने भी आरक्षक को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। उसके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई जारी है।30 किलो डोडाचूरा के साथ धराएं-बुड़ा चौकी प्रभारी शुभम व्यास ने बताया कि आरोपी भगत सिंह और राजेंद्र सिंह कार में सवार होकर मुज्जाखेड़ी से बुड़ा की ओर आ रहे थे। पुलिस ने उन्हें संदेश के आधार पर रोका और तलाशी के दौरान उनके कब्जे से 30 किलो डोडाचूरा बरामद किया गया। मीके पर दोनों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में एक अन्य व्यक्ति का नाम भी सामने आया है. जिसे नामजद आरोपी बनाया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में पकड़े गए तस्करों ने स्वीकार किया है कि मादक पदार्थ उन्हीं के माध्यम से लाया गया था।कानून व्यवस्था के लिए शर्मनाक-सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार मुख्य आरोपी राजेंद्र सिंह, वर्तमान में पुलिस लाइन नीमच में पदस्थ है। एक पुलिसकर्मी द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त पाया जाना न केवल कानून व्यवस्था के लिए शर्मनाक है, बल्कि यह विभाग की छवि को भी प्रभावित करता है।

ब्यूरो रिपोर्ट,,, नीमच

अज्जिमुला खान/ दशरथ माली

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