गुरु पूजा से व्यक्ति लौकिक या पारलौकिक सुख प्राप्त कर सकता है –संत बंशी नाथ महाराज*
दशरथ माली –
चीताखेड़ा-10 जुलाई ।समाज और इसके निर्माण प्रक्रिया में गुरु एक अभिन्न अंग है। सनातनी धर्म में गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का रूप माना गया है। गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा: ,गुरु साक्षात परम ब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे नम:।
इसअर्थ के महत्व को समझाते हुए कहा कि – हे गुरु, आप देवताओं के समान हैं। आप ही भगवान ब्रह्मा हैं, आप ही भगवान विष्णु हैं और आप ही महेश हैं। आप देवताओं के देवता हैं। पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरुवार को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया गया है। इस अवसर पर अलग-अलग कई जिलों के कोने-कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरु पूजन कर आर्शीवाद प्राप्त किया। गुरु पूर्णिमा सत्संग महोत्सव समारोह से चीताखेड़ा गांव बना वैकुंठ धाम।
उक्त अमृतवाणी निर्गुणी भजन गायक संत श्री बंशी नाथ महाराज ने गुरुवार को चीताखेड़ा आश्रम पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव सत्संग समारोह के दौरान उपस्थित बड़ी संख्या में धर्म सभा में उपस्थित गुरु भक्तों को प्रवाहित करते हुए कही गई है। गुरु शब्द ‘गु’ और ‘रु’ से मिलकर बना है। इसमें गु का अर्थ अंधकार, अज्ञान से है तो वहीं रु का अर्थ दूर करना या हटाना है। इस तरह से गुरु वह है जो हमारे जीवन से अज्ञानता के अंधकार को दूर करते हैं और हमें ज्ञानी बनाते हैं। गुरु से ही जीवन में ज्ञान की ज्योति से सकारात्मकता आती है। उन्होंने कहा कि
संत कबीर दास जी के दोहों को लेकर कड़े शब्दों का प्रहार करते हुए कहा कि जिन जिन लौकिक या पारलौकिक सुखों को व्यक्ति चाहता है उसे आत्मज्ञ गुरु की पूजा कर प्राप्त कर सकता है। एक सच्चे गुरु का आशीर्वाद हमें आत्मज्ञान की ओर ले जाता है, हमारी आत्मा को प्रकाशित करता है और हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। ग्राम चीताखेड़ा में आश्रम परिसर में आयोजित गुरु पूर्णिमा सत्संग महोत्सव समारोह में कई जिलों से बड़ी संख्या में गुरु भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। सभी गुरु भक्तों ने बारी-बारी से गुरु चरण पादुका पूजन अभिषेक कर शाल श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर भजन कीर्तन, हवन पूजन,चरण पादुका पूजन, अभिषेक, महाप्रसाद भण्डारा सहित कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
गुरु पूर्णिमा पर्व पर सोनीयाना में भी कथा मर्मज्ञ पंडित श्री चंद्रदेव महाराज बड़े ही धूमधाम से धार्मिक महोत्सव मनाया गया। जहां गुरु भक्तों द्वारा चरण पादुका पूजन अभिषेक कर गुरु के चरण वंदन कर शाल श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।इस मौके पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं ने विशाल भण्डारे में महाप्रसाद ग्रहण की।