गांधीसागर थाना प्रभारी निरी तरुणा भारद्वाज ने क्षेत्र के समस्त मकान मालिकों से अपील की है कि वे अपने किरायेदारों की सत्य जानकारी तत्काल थाना परिसर में उपलब्ध कराएं। चाहे किरायेदार किसी भी प्रयोजन से ठहरे हों – चाहे नौकरी, व्यापार, शिक्षा या अन्य कारणों से – उनकी पूर्ण जानकारी पुलिस को देना अनिवार्य है।
थाना प्रभारी ने स्पष्ट किया कि यह अपील सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से की गई है। वर्तमान समय में अपराध नियंत्रण और अप्रत्याशित घटनाओं से बचाव हेतु किरायेदारों की पहचान और पृष्ठभूमि की जानकारी पुलिस रिकॉर्ड में होना आवश्यक है।
पुलिस द्वारा यह भी कहा गया है कि यदि कोई मकान मालिक अपने किरायेदार की जानकारी पुलिस को नहीं देता है, तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। ऐसे मामलों में मकान मालिक की जिम्मेदारी तय की जाएगी और संबंधित धाराओं में प्रकरण दर्ज हो सकता है।
क्यों जरूरी है जानकारी देना?
पुलिस के अनुसार, कई बार आपराधिक प्रवृत्ति के लोग अलग-अलग शहरों में पहचान छुपाकर किराये पर रहते हैं और कानून व्यवस्था को चुनौती देते हैं। यदि मकान मालिक सतर्क रहकर उनकी जानकारी पुलिस को देते हैं, तो न केवल अपराध रोका जा सकता है, बल्कि संपूर्ण क्षेत्र की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है।
क्या जानकारी देना आवश्यक है?
मकान मालिकों को किरायेदार का पूरा नाम, स्थायी पता, पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर ID आदि), मोबाइल नंबर, ठहरने का उद्देश्य, और अवधि की जानकारी थाना गांधीसागर में प्रस्तुत करनी होगी।
कहाँ और कैसे दें जानकारी?
यह जानकारी सीधे थाना गांधीसागर में लिखित रूप में या निर्धारित किरायेदार सत्यापन फॉर्म भरकर दी जा सकती है।
थाना प्रभारी का संदेश
“हम सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। आपकी छोटी-सी सावधानी पूरे समाज के लिए सुरक्षा कवच बन सकती है। कृपया सहयोग करें और अपने किरायेदार की जानकारी समय पर पुलिस को दें।”