प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत वर्ष में पौधे के नाम पर लाखों रुपए की राशि आई मगर इस राशि का सचिव महोदय द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट भेंट चढ़ा दिए गए हैं जब इस बारे में ग्राम के बुद्धि जीवोने एवं पत्रकारों ने सचिव मोदेव से इस बारे में जानकारी चाहिए तो उन्होंने कहा की पौधे फिर से लगा दिए जाएंगे लेकिन धरातल पर देखा जाए तो कुछ और ही है जबकि शान द्वारा पौधों पर लाखों ही नहीं करोड़ों रुपए पर्यावरण पर खर्च किए जा रहे हैं लेकिन ऐसे सचिव पंचायत में रहेंगे तो ना पर्यावरण रहेगा और ना ही शासन के पैसों का सदुपयोग किया जा सकेगा जबकि देखा जाए तो ग्राम पंचायत झांतला मैं चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य स्थापित है लेकिन सचिवको खबर होते हुए भी बेखबर है कई बार ग्राम के लोगों ने ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार को जनपद पंचायत एवं जिला कलेक्टर तक अपनी आवाज पहुंच कर इस बारे में अवगत करवाया लेकिन ऐसा लगता है कि प्रशासन में जैसे अब कोई ईमानदार छबीवाला कोई अधिकारी नहीं रहा हो जो इनकी सूझबूझ लेकर ग्राम की समस्याओं से अवगत होकर इन पर अपनी नकेल कसकर ग्राम की भोली भाली गरीब जनता को समय रहते विकासकारी सभी योजनाओं का फायदा अंतिम गरीब के पायदान तक पहुंचे और उसे मिले शान द्वारा अनेक प्रकार की विकासकारी योजनाएं संचालित कर रखी हैं लेकिन देखा जाए तो झांतला पंचायत में सिर्फ शासन की योजनाएं कागजों में सिमट कर रह जाती है जबकि विकास के नाम पर भोली भाली जनता को मुर्ख बनाकर उनसे ग्राम पंचायत के चक्कर लगाए जाते हैं जबकि 1819 की सर्वे में प्रधानमंत्री आवास जो की गरीब निम्न श्रेणी के व्यक्तियों को जो की पात्रता में आते हैं उनको भी अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है जबकि सर्वे सूची में एवं पात्रता सूची में पातर लोगों के नाम होने के बावजूद भी उनको चक्कर लगवाएं जा रहे हैं और तो और कई लोगों को कागजों में भी कुछ दिनों पहले एक मामला आया था जिसमें यह जानकारी मिली थी की जीवित लोगों को भी मृत्यु घोषित कर दिया गया था ऐसे ग्राम पंचायत जतला में कहीं उदाहरण है लेकिन इनकी कोई सूझबूझ लेने वाला आल्हा अधिकारी नहीं होने से मंत्री महोदय के हौसले और बुलंद होते चले जा रहे हैं गरीब ईमानदार ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीण अपने ही गांव की इस दूरदर्शी को किसके सामने अपनी यह गाथा गए कई लोग ऐसे हैं जिनके नाम राशन कार्ड में काट दिए गए हैं और कहीं लोग ऐसे हैं जो बरसों से बाहर हैं लेकिन जतला पंचायत के रिकॉर्ड में आज भी यही के मौजूदा निवासी हैं जिनके नाम का बेरोकटोक आज भी खाद्यान्न मिल रहा है जिनको आवश्यकता है उनका नाम सूची में से ही काट दिया है कभी यह ग्राम मिनी भोपाल के नाम से जाना जाता था क्योंकि यहां के जो वर्तमान विधायक हैं माननीय ओम प्रकाश जी सकलीचा जिनके पिता श्री का सबसे प्यार गांव जतला था जो की मुख्यमंत्री के पद पर भी रह चुके हैं आज उनके पुत्र कैबिनेट के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान के विधायक हैं उन्होंने इस ग्राम के लिए लाखों ही नहीं करोड़ों रुपए की सौगातें दी हैं लेकिन फिर भी आज भी विकास के नाम पर यह गांव दिन पर दिन प्रतिदिन पिछड़ता चला जा रहा है आज हालत यह है की बाहर से आने जाने वाले अतिथियों को टॉयलेट करने के लिए भी यहां के अतिथियों से पूछना पड़ता है जतला जिसको जतला चौराहे का हृदय स्थल कहा जाता है जहां पूर्व में जेंट् क्षयस और लेडीज टॉयलेट बने हुए थे जिन्हें तोड़कर नए टॉयलेट बनाने का काम ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा था मगर टॉयलेट भी ऐसा लगता है कि वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं सिंगोली से ख्वाजा हुसैन मेवाती की रिपोर्ट
ग्राम पंचायत झांतला के सचिव की हॉट धर्मिता के चलते सारे विकास के कार्य अनुरोध पड़े हुए हैं
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